keku नानू की दोस्ती
Keku का नाना से लगाव कोई आम बात नहीं है…
हर दिन की सुबह नाना की गोद से शुरू होती थी- वो हँसी, वो खिलखिलाहट, वो नज़रों में चमक… जैसे पूरी दुनिया ही वहीं सिमट आई हो।
नाना के साथ खेलना, बातें करना, उनके चेहरे को निहारना.. ये सब keku की छोटी-सी दुनिया का सबसे प्यारा हिस्सा है।
लेकिन अब, जब से नाना दूर हुए हैं… यानी लखनऊ
keku का चेहरा जैसे चुप हो गया है।
न हँसी है, न खेल… जैसे मन के भीतर कुछ खाली-सा हो गया हो।
खाने में भी वो दिलचस्पी नहीं बची, आँखें हर पल जैसे ढूंढती हैं - "नाना कहाँ हैं?"
वो मासूम दिल अब भी समझ नहीं पाता कि जो हर पल साथ था, वो अचानक दूर क्यों हो गया।
कभी दरवाज़े की तरफ देखता है, कभी नाना की तस्वीर छूता है… और चुपचाप उदास हो जाता है।
keku बस अपने नाना को मिस कर रहा है , बहुत ज़्यादा, बहुत गहराई से।
इतनी छोटी उम्र में भी इतना गहरा जुड़ाव हो सकता है, ये देखना एक माँ के लिए भावुक कर देने वाला अनुभव है।
कभी-कभी वो सिर्फ एक इंसान नहीं होता… वो किसी के लिए पूरी दुनिया होता है...
जैसे नाना, हमारे keku की पूरी दुनिया बन चुके है।"
No comments:
Post a Comment