ज़िन्दगी के कुछ फेसले इतने कठिन हो जाते की चहा कर भी हम उन्हे अपना नही सकते ,
ज़वाब थो सब मांगते है फिर क्यों उस खामोसी मे छुपे ज़वाब को क्यों नही पहचानते ,
न जाने मेरी खामोसी को क्या समझ बैठे वो ,
बिन जाने क्यों इतनी दूर चले गए वो ,..............
ज़वाब थो सब मांगते है फिर क्यों उस खामोसी मे छुपे ज़वाब को क्यों नही पहचानते ,
न जाने मेरी खामोसी को क्या समझ बैठे वो ,
बिन जाने क्यों इतनी दूर चले गए वो ,..............