Friday 30 December 2011

yu chalta rha ye safar ...2

ज़िन्दगी के कुछ फेसले इतने कठिन हो जाते की चहा कर भी हम उन्हे अपना नही सकते ,
ज़वाब थो सब मांगते है फिर क्यों उस खामोसी  मे छुपे ज़वाब को क्यों नही पहचानते ,
न जाने मेरी खामोसी को क्या समझ बैठे वो ,
बिन जाने क्यों  इतनी दूर चले गए वो ,..............




2 comments:

  1. Replies
    1. ज़िन्दगी में एक मोड़ ऐसा भी आता है जब क्या गलत है यह तय करना नामुम्किन सा हो जाता है...

      जैसे वो झूट जो चेहरे पर मुस्कान लाए

      या

      वो सच जो आखों मे लहू बनकर आए ???

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