एक कविता...
एक कविता जो हमने लिखनी शुरू ही कि थी
वो पूरी न हो सकी
लिखने से पहले काव्य की नायिका
नायक से नाराज हो गई
और वो कविता अधूरी हो गई
नायिका कठोर थी
निष्ठुर थी
तो नायक भी लक्ष्य पाने को आतुर था
कदम बढ़ाने के लिए भी वह चतुर था
फिर भी कविता अधूरी रह गई
कवि ने अभी हार नहीं मानी है
रार नहीँ मानी है।
नायिका उसकी थी
है और रहेगी
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